जौनपुर : ट्रेन में बम की सूचना से मचा हड़कंप, पुलिस ने किया सघन चेकिंग अभियान
जौनपुर। मंगलवार को पटना से कोटा जाने वाली पटना-कोटा एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 13237) में बम होने की सूचना से रेलवे प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। कंट्रोल रूम से सूचना मिलते ही आरपीएफ, जीआरपी और स्थानीय पुलिस हरकत में आ गई और रेलवे स्टेशनों पर सघन तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान यात्रियों में दहशत का माहौल देखने को मिला, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने पूरी तत्परता से ट्रेन की जांच कर स्थिति को नियंत्रित किया।
बम की सूचना मिलते ही पुलिस अलर्ट पर
सूत्रों के अनुसार, कंट्रोल रूम को मंगलवार सुबह सूचना मिली कि पटना से कोटा जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में बम रखा गया है। इस सूचना के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) को सतर्क कर दिया गया। स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई, जिसके बाद सभी संबंधित थानों को अलर्ट जारी किया गया।
स्टेशनों पर बढ़ाई गई सुरक्षा, यात्रियों में मची अफरातफरी
सूचना मिलते ही वाराणसी-फैजाबाद रेलवे खंड के कई रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने ट्रेन के हर डिब्बे की गहन तलाशी ली। यात्रियों के सामानों को भी ध्यानपूर्वक चेक किया गया। सुरक्षा एजेंसियों के इस अभियान के कारण यात्रियों में हलचल जैसा माहौल बन गया, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने सभी को संयम बनाए रखने की अपील की।
जौनपुर जंक्शन पर चला विशेष तलाशी अभियान
जब यह ट्रेन जौनपुर जंक्शन पर पहुंची, तो पहले से ही वहां आरपीएफ पोस्ट प्रभारी अजय कुमार अपनी टीम के साथ सतर्क स्थिति में मौजूद थे। उनके साथ एसआई कैलाश कुमार, एएसआई वीरेंद्र प्रताप सिंह, जीआरपी थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार सोनकर और अन्य पुलिसकर्मी भी ट्रेन की गहन तलाशी के लिए मौजूद थे।
पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने ट्रेन की एक-एक बोगी को अच्छी तरह खंगाला। इस दौरान यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया। यात्रियों के बैग, सीटों के नीचे, शौचालय और अन्य संदिग्ध स्थानों पर भी बारीकी से जांच की गई।
बम की खबर निकली अफवाह, जांच के बाद पुलिस ने ली राहत की सांस
करीब एक घंटे तक चली इस व्यापक जांच के दौरान कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली और यात्रियों को भी सूचित किया कि यह सिर्फ एक अफवाह थी। जांच पूरी होने के बाद ट्रेन को आगे के सफर के लिए रवाना कर दिया गया।
पुलिस अधिकारियों का बयान
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के पोस्ट प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि,
“हमें कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि पटना-कोटा एक्सप्रेस में बम हो सकता है। इसे गंभीरता से लेते हुए हमने तत्काल कार्रवाई की। जौनपुर जंक्शन पर ट्रेन पहुंचते ही हमने पूरी ट्रेन और यात्रियों के सामानों की जांच की। हालांकि, कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। यह एक अफवाह थी, लेकिन हमने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी और पूरी सतर्कता बरती।”
जीआरपी थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार सोनकर ने कहा कि,
“रेलवे सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस तरह की किसी भी सूचना को हल्के में नहीं लिया जा सकता। सभी सुरक्षा एजेंसियां तुरंत अलर्ट हो गईं और हरसंभव प्रयास किया गया कि कोई अनहोनी न हो।”
यात्रियों में घबराहट, लेकिन प्रशासन पर भरोसा
इस घटना के बाद यात्रियों में थोड़ी देर के लिए डर और घबराहट का माहौल रहा। कुछ यात्री ट्रेन से उतरकर अलग साधनों से अपने गंतव्य तक जाने की योजना बनाने लगे, जबकि कुछ यात्रियों ने धैर्य बनाए रखा। हालांकि, पुलिस और रेलवे अधिकारियों द्वारा सुरक्षा की पूरी गारंटी दिए जाने के बाद यात्रियों ने राहत महसूस की।
एक यात्री सुमित शर्मा ने कहा,
“शुरुआत में जब हमें पता चला कि ट्रेन में बम होने की आशंका है, तो हम काफी घबरा गए। लेकिन जिस तरह से पुलिस ने पूरे संयम और सतर्कता के साथ जांच की, उससे हमें भरोसा हुआ कि हमारी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।”
एक अन्य यात्री अनामिका वर्मा ने कहा,
“इस तरह की अफवाहें यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनती हैं। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता देखकर अच्छा लगा कि वे हमारी सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं।”
सुरक्षा एजेंसियों ने किया सतर्कता का आह्वान
इस घटना के बाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और जीआरपी ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा के दौरान सतर्क रहें और यदि उन्हें कोई संदिग्ध वस्तु या गतिविधि नजर आती है, तो तुरंत रेलवे पुलिस को सूचित करें।
आरपीएफ इंस्पेक्टर अजय कुमार ने कहा,
“यात्रियों को चाहिए कि वे किसी भी लावारिस वस्तु को न छूएं और तुरंत सुरक्षा अधिकारियों को इसकी सूचना दें। इस तरह की घटनाओं में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।”
फर्जी कॉल की जांच शुरू, सूचना देने वाले का पता लगाने में जुटी पुलिस
अब सवाल यह उठता है कि यह अफवाह आखिर फैलाई किसने? पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि कंट्रोल रूम को यह झूठी सूचना किसने और क्यों दी। इस संबंध में फोन कॉल की ट्रेसिंग और सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि,
“अगर यह अफवाह किसी की शरारत थी, तो दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस तरह की हरकतें केवल अफरातफरी मचाने और प्रशासन को गुमराह करने के लिए की जाती हैं, जो एक गंभीर अपराध है।”
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