जौनपुर में अपराध का ग्राफ सबसे ऊपर, वाराणसी-सोनभद्र को पीछे छोड़ा

जौनपुर में अपराध का ग्राफ सबसे ऊपर, वाराणसी-सोनभद्र को पीछे छोड़ा

 

जौनपुर। जिले में अपराध व अपराधियों पर पुलिस की तरफ से भले ही नकेल कसने का दावा किया जाता हो लेकिन इसकी रैंकिंग में कोई खास परिवर्तन नहीं दिखाई पड़ रहा है। दो महीने में पांच हत्या और लूट की दो बड़ी वारदातें हो चुकी हैं। इसमें एक तिहरा हत्याकांड है। अप्रैल में सीएम डैशबोर्ड में जहां जिले की रैंकिंग 43 वें पायदान पर थी वो इस बार मई में 36 वें स्थान पर हो गई है। जिले को 10 में से 7.08 अंक मिले है। जिले में वाराणसी व सोनभद्र से ज्यादा अपराध बढ़ा है। वहीं चंदौली 22 वें, वाराणसी 16 वें, तो सोनभद्र 13 वें पायदान पर है। इसके अलावा भदोही 39 वें, मिर्जापुर 40 वें, गाजीपुर 61 वें, आजमगढ़ 63 वें, मऊ 69 वें, बलिया 71 वें स्थान पर है। जिले की आबादी 50 लाख से अधिक है। जिले में अपराध को नियंत्रण करने के लिए तीन हजार से अधिक पुलिस अधिकारी व जवान हैं। मार्च में सीएम डैशबोर्ड में जनपद के कानून व्यवस्था की रैंकिंग 39 वें तो अप्रैल में 43 वें स्थान पर है। इसी तरह मई में एक बार फिर सात अंक घटकर 36 वें स्थान पर हो गई है। जौनपुर में अपराध की दर में वृद्धि, पुलिस की धीमी कार्रवाई और कई मामलों में विवेचना की गुणवत्ता में कमी इसकी प्रमुख वजहें मानी जा सकती हैं। हत्या, चोरी, महिला उत्पीड़न और भूमि विवाद जैसे अपराधों की संख्या में इजाफा देखा गया है। थानों में एफआईआर दर्ज कराने में देरी और कई बार पुलिस की निष्क्रियता ने भी जनता का भरोसा कमजोर किया है। हालांकि जिले में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ी है और पुलिस पेट्रोलिंग भी हुई है, लेकिन अपराध नियंत्रण के लिए यह प्रयास पर्याप्त नहीं साबित हो रहे।

केस वन :-बीते 26 मई को जफराबाद थाना क्षेत्र के नेवादा में भूमि विवाद व पुरानी रंजिश को लेकर एक फैक्ट्री पर महमदपुर कांध गांव के पिता व उसके दो पुत्रों की नृशंस हत्या कर मौत के घाट उतार दिया गया। इसमें घटना वाले ही दिन ही पुलिस ने घटना के आरोपी पलटूराम नागर व उसके दामाद नागणि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि हत्या के तीन सप्ताह बाद पुलिस ने घटना में शामिल दो और सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया। अभी मुख्य आरोपी अरविंद उर्फ गोलू फरार है।

केस टू :-बीते 6 जून को सिंगरामऊ थाना क्षेत्र के खानपुर लालगंज गांव में प्रेमिका पर टिप्पणी से आक्रोशित युवक ने अपने दोस्त दिलीप गौतम को ही गोलियों से मौत के घाट उतार दिया। घटना का मुख्य हत्यारोपी रंजीत निषाद तीसरे दिन पकड़ा गया।

हत्या और लूट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस टीम कार्ययोजना के साथ काम कर रही है। लगातार अपराधियों पर सत्यापन और गिरफ्तारी के अभियान चलाए गए हैं। 6700 अपराधियों की ट्रैकिंग की जा रही है। डैशबोर्ड में प्रगति में सुधार है। – डाॅ.कौस्तुभ कुमार, पुलिस अधीक्षक।

LOKWANI TIMES TEAM

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